
सहकार भारत
जयपुर, 13 जनवरी। गोदाम निर्माण स्वीकृति की एवज में कमीशन बटोरने के मामले की आंच बड़े अफसरों तक पहुंचने लगी है। राजस्थान सरकार ने 12 जनवरी को एक आदेश जारी कर, हनुमानगढ़ केंद्रीय सहकारी बैंक में प्रतिनियुक्ति पर प्रबंध निदेशक के पद पर कार्यरत सुरेश कुमार मीणा को निलम्बित कर दिया। मीणा, राज्य सहकारिता सेवा के ज्वाइंट रजिस्ट्रार कैडर के अधिकारी हैं और दूसरी बार हनुमानगढ़ केंद्रीय सहकारी बैंक में प्रबंध निदेशक बनाये गये थे। मीणा के पास ही बैंक के अधिशासी अधिकारी, उप रजिस्ट्रार और विशेष लेखा परीक्षक के पद का अतिरिक्त कार्यभार भी है। अब उनके निलम्बन से एक साथ चार पद रिक्त हो गये हैं और हनुमानगढ़ में अब केवल दो सहायक रजिस्ट्रार – पीथदान चारण (सचिव, हनुमानगढ़ प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंक) और सुश्री अंशु सहारण (अतिरिक्त अधिशासी अधिकारी, हनुमानगढ़ केंद्रीय सहकारी बैंक) ही कार्यरत हैं।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने तीन दिन पहले, शुक्रवार देर शाम को हनुमानगढ़ केंद्रीय सहकारी बैंक के मुख्य प्रबंधक संजय शर्मा को कोहलां टोल नोक पर 8 लाख 50 हजार रुपये की संदिग्ध राशि के साथ पकड़ा था, जब वे रावतसर, नोहर क्षेत्र से कार द्वारा हनुमानगढ़ लौट रहे थे। शर्मा से बरामद राशि के बारे में संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने के कारण, एसीबी ने 8.50 लाख रुपये की राशि जब्त कर ली है और फिलहाल उनसे पूछताछ की जा रही है, हालांकि, उन्हें अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है। एसीबी का मानना है कि यह राशि मुख्यमंत्री अन्न भंडारण योजना के तहत हाल के महीनों में हनुमानगढ़ जिले में ग्राम सेवा सहकारी समितियों में स्वीकृत किये गये 500 एमटी क्षमता वाले गोदामों की एवज में ली गयी थी। प्रत्येक गोदाम के लिए राज्य सरकार 25 लाख रुपये का अनुदान देती है। यह योजना राज्य में पहली बार लागू की गयी है। इससे पहले, राज्य सरकार की बजट घोषणा के तहत गोदाम विहीन समितियों मेें 100 एमटी क्षमता के गोदाम ही स्वीकृत किये जाते रहे हैं। सहकारिता विभाग द्वारा हनुमानगढ़ जिले में भादरा, नोहर, पीलीबंगा एवं रावतसर क्षेत्र में पांच सौ एमटी के 16 तथा 100 एमटी के 2 गोदाम स्वीकृत किये गये हैं। सहकार भारत द्वारा रिश्वत की राशि की जब्ती की खबर प्रमुखता से प्रकाशित करते हुए, इसे मुख्यमंत्री कार्यालय, सहकारिता मंत्री कार्यालय और रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां कार्यालय तक पहुंचाया गया था।
मीणा के खिलाफ रूल्स 16 में कार्यवाही
सहकारिता विभाग के संयुक्त शासन सचिव दिनेश कुमार जांगिड़ की ओर से 12 जनवरी 2025 को जारी निलम्बन आदेश में कहा गया है कि राज्य सरकार ने सुरेश कुमार मीणा, संयुक्त रजिस्ट्रार (प्रबंध निदेशक, हनुमानगढ़ केंद्रीय सहकारी बैंक) के विरूद्ध राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1958 के नियम 16 के तहत विभागीय कार्यवाही का निर्णय लिया है। इसलिए उपर्युक्त के नियम 13 के अंतर्गत सुरेश कुमार मीणा को तुरंत प्रभाव से निलम्बित किया जाता है। निलम्बन काल में मीणा का मुख्यालय, कार्यालय रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां, जयपुर रहेगा और निलम्बन काल में नियमानुसार निर्वाह भत्ता देय होगा। निलम्बन आदेश में, बैंक के चीफ मैनेजर संजय शर्मा से बरामद रिश्वत की राशि का जिक्र नहीं है, लेकिन माना यही जा रहा है कि रिश्वत की राशि में प्रबंध निदेशक की भागीदारी आवश्यक रूप से होगी।
जाट वर्सेस नोन-जाट का संघर्ष
इधर, सहकार भारत को सूत्रों से जानकारी मिली है कि हनुमानगढ़ केंद्रीय सहकारी बैंक के प्रधान कार्यालय में कार्यरत चीफ मैनेजर संजय शर्मा, बैंक में जारी जाट वर्सेस नोन-जाट संघर्ष की भेंट चढ़ गये हैं। हनुमानगढ़ बैंक में और जिले के सहकारी क्षेत्र में जाटों का दबदबा रहा है। लेकिन हाल के दिनों में बैंक के दो पूर्व प्रबंध निदेशकों – भूपेंद्र सिंह और मनोज कुमार मान (दोनों जाट) के खिलाफ, विभागीय कार्यवाही में नोन-जाट अफसरों का नाम आया था। हनुमानगढ़ बैंक में जाट वर्सेस नोन-जाट का संघर्ष बहुत पुराना है। दो साल पहले, हनुमानगढ़ जिले के संगरिया क्षेत्र की रतनपुरा ग्राम सेवा सहकारी समिति में हुए करोड़ों रुपये के गबन में नोन-जाट प्रबंध निदेशक दीपक कुक्कड़ को पद से हटाने के लिए आंदोलन की अगुवाई करने वाले अधिकांश जनप्रतिनिधि जाट वर्ग से थे (जिनमें से एक, अभिमन्यू पूनिया अब संगरिया के विधायक हैं), जिन्हें सहकारी विभाग के जाट अफसर ही संरक्षण दे रहे थे, हालांकि, रतनपुरा प्रकरण में सरकार ने दीपक कुक्कड़ के साथ-साथ, तत्कालिन उप रजिस्ट्रार अमीलाल सहारण (जाट) को भी हनुमानगढ़ से हटा दिया था। तब से दीपक कुक्कड़ जयपुर में और अमीलाल सहारण चूरू में लगे हुए हैं। संजय शर्मा प्रकरण में सुरेश कुमार मीणा के निलम्बन के पश्चात सहारण की हनुमानगढ़ में वापसी के कयास लगाये जा रहे हैं।