स्पेक्ट्रम स्पोट्र्स के स्तरहीन आयोजन ने अपेक्स बैंक की साख को लगाया बट्टा

सहकार भारत
बीकानेर, 1 जनवरी। वार्षिक सहकारी खेलों के ऐतिहासिक रूप से घटिया और निम्नस्तरीय आयोजन के बाद, राजस्थान के शीर्ष सहकारी बैंक यानी अपेक्स बैंक, जयपुर की प्रदेशभर में छिछालेदार हो रही है। इस अव्यवस्थित आयोजन से न केवल अपेक्स बैंक की साख को गहरा धक्का लगा है और उसके अफसरों की प्रबंधकीय अकुशलता की पोल खुल गयी, बल्कि स्पेक्ट्रम के औचित्य पर भी सवालिया निशान लग गया है। दि स्पोट्र्स एंड कल्चरल सोसाइटी ऑफ को-ऑपरेटिव बैंक्स इन राजस्थान (स्पेक्ट्रम), एक जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के साथ मिलकर हर साल राज्य में किसी एक स्थान पर सहकारी बैंक कर्मचारियों, अधिकारियों के लिए खेलों और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन करती है, जिसे स्पेक्ट्रम स्पोट्र्स नाम दिया जाता है। तीन दिन के इस आयोजन में पहले दिन उद्घाटन कार्यक्रम के साथ कुछ खेल प्रतियोगिताएं होती हैं, दूसरे दिन मैराथन, खेल प्रतियोगिताएं एवं भ्रमण/सांस्कृतिक कार्यक्रम होता है और तीसरे दिन फाइनल मुकाबलों के पश्चात समापन समारोह में विजेताओं को पुरस्कृत किया जाता है। स्पेक्ट्रम द्वारा इस शिड्यूल के तहत ही अब तक 15 केंद्रीय सहकारी बैंकों के सहयोग से 22 टूर्नामेंट करवाये गये हैं। अपेक्स बैंक द्वारा पहली बार आयोजन की मेजबानी की गयी।
टूर्नामेंट के दौरान अपेक्स बैंक की दो टीमें एवं जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों की एक-एक टीम के लगभग 300 खिलाड़ी, टीम मैनेजर, कोच के साथ-साथ बैंकों में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत राज्य सहकारिता सेवा के अधिकारी (प्रबंध निदेशक/अधिशासी अधिकारी/अतिरिक्त अधिशासी अधिकारी) भी मेहमान के रूप में इस आयोजन के साक्षी बनते हैं। आयोजक बैंक के अधिकारी, स्पेक्ट्रम के पदाधिकारी और राज्य सहकारिता सेवा के अधिकारियों द्वारा विजेता खिलाडिय़ों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भागीदारी करने वाले बैंक कर्मचारियों को प्रशस्ती पत्र, प्रतीक चिन्ह और मैडल प्रदान किये जाते हैं। खिलाडिय़ों के आवास, भोजन, आयोजन स्थल से खेल मैदान तक लाने और ले जाने की व्यवस्था आयोजकों यानी सम्बंधित जिला केंद्रीय सहकारी बैंक द्वारा की जाती है। स्पेक्ट्रम के पदाधिकारी और बुजुर्ग आजीवन सदस्य, केवल संचालन के नाम पर चौधर करने और मांस/मदिरा सेवन करने तक सीमित रहते हैं। इस बार भी, स्पेक्ट्रम के इन माननीय सदस्यों और पदाधिकारियों ने झालाना सांस्थानिक क्षेत्र में स्थित राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) परिषद के क्लब की पांच सितारा सुविधाओं का जमकर लुत्फ उठाया और एक -एक लाख रुपये का आर्थिक सहयोग देने वाले सहकारी बैंकों के प्रबंध निदेशकों को मुफ्त की आवासीय व्यवस्था वाले दड़बों में पटके रखा। जब राज्य सहकारिता सेवा के अधिकारियों के लिए किसी ढंग के होटल में ठहरने की व्यवस्था नहीं की गयी, जो स्वाभाविक है कि बैंक कर्मचारियों को भी दोयम दर्जे वाली आवासीय व्यवस्था नसीब होनी थी। राइसेम, आईसीएम और सेफू के हॉस्टलों में ठहराये गये बैंक कर्मचारियों ने अपने कटु अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि उन्हें बदबूदार गद्दे, करंट मारते गीजर और अपर्याप्त पानी वाले बाथरूम की सुविधा मिली।
आगमन से रवानगी तक परेशानी झेलते रहे
तीन दिवसीय स्पेक्ट्रम स्पोट्र्स का आयोजन 27 से 29 दिसम्बर 2024 तक जयपुर में किया गया, जिसके लिए 26 दिसम्बर की शाम को खिलाडिय़ों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। खिलाडिय़ों का स्वागत आलू की सब्जी और पूडिय़ों से हुआ, जिसकी किसी ने अपेक्षा नहीं की थी। पिछले साल टूर्नामेंट का आयोजन बीकानेर में किया गया था। लोगों की स्मृति में बीकानेर की यादें ताजा थी। आर्थिक रूप से बेहद कमजोर होने के बावजूद, बीकानेर केंद्रीय सहकारी बैंक की मेजबानी में स्वादिष्ट भोजन और उत्तम आवास की सुविधा की गयी। इस बार चूंकि अपेक्स बैंक मेजबानी कर रहा था, इसलिए खिलाडिय़ों को बीकानेर से कहीं बेहतर इंतजामात की उम्मीद थी। लेकिन, स्वागत भोज में आलू की सब्जी और ठण्डी पूडिय़ों ने सपनों के शीशमहल को एक झटके में झकनाचूर कर दिया। रात 11 बजे पहुंचे खिलाडिय़ों को जब ठण्डी पूडिय़ां और आलू की सब्जी परोसी गयी, जो वे इसका बहिष्कार कर, बाजार में खाने चले गये।
अफसरों को बुलाया, लेकिन इज्जत देना भूल गये
खेलों के उद्घाटन के दिन, हल्की बरसात और शीतलहर के बीच, खिलाडिय़ों को पहली चाय, एसएमएस स्टेडियम में सुबह 9 बजे नसीब हुई। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के फलस्वरूप राजकीय शोक के कारण उद्घाटन कार्यक्रम सादगी पूर्ण ढंग से सम्पन्न हुआ, लेकिन स्पेक्ट्रम के हेकड़ीबाज पदाधिकारियों और मेजबान होने के बावजूद इस आयोजन से दूरी बनाकर रखने वाले अपेक्स बैंक के अफसरों ने राज्य सहकारिता सेवा के अधिकारियों और मेहमानों को बेइज्जत करने में अच्छी खासी ऊर्जा खर्च कर दी। उद्घाटन कार्यक्रम में एक दर्जन से अधिक केंद्रीय सहकारी बैंकों के प्रबंध निदेशक/अधिशासी अधिकारी के साथ-साथ जयपुर में प्रधान कार्यालय में पदस्थ सहकारी अधिकारी एवं इफको, कृभको जैसी राष्ट्रीय सहकारी संस्थाओं के अधिकारी मौजूद थे, लेकिन उनकी उपस्थिति के लिए धन्यवाद का एक शब्द तक नहीं बोला गया। यहां तक कि खिलाडिय़ों को खेल भावना से खेलने की शपथ दिलाने के लिए ओलम्पियन एथलीट श्रीमती सपना पूनिया को आमंत्रित किया गया था, लेकिन आयोजकों ने राष्ट्रीय खेलों की स्वर्ण पदक विजेता और राजस्थान पुलिस में सी.आई. श्रीमती सपना पूनिया का परिचय तक नहीं दिया। इससे वे काफी असहज नजर आयी। स्पेक्ट्रम के सदस्यों ने राज्य सहकारिता सेवा के अधिकारियों के साथ अछूतों जैसा व्यवहार किया और उन्हें टीमों एवं खिलाडिय़ों से परिचय के लिए भी आमंत्रित नहीं किया। स्पेक्ट्रम के तीस मार खां सदस्यों ने स्वयं को ही अग्रिम पंक्ति में रखा।
न कोच, न रैफरी
विभिन्न स्पर्धाओं के आयोजन में बड़ी लापरवाही रही। कोच और रेफरी की व्यवस्था नहीं होने से कोई भी खेल निर्धारित समय पर शुरू नहीं करवाये जा सके। दूसरे दिन वॉलीवाल के मुकाबले सुबह 9 बजे के स्थान पर दोपहर 2 बजे के बाद शुरू हुये। बैडमिंटन के मुकाबले में बिजली गुल हो गयी, जो चार घंटे तक नहीं आयी। कैरम के लिए उपयुक्त स्थान का चयन नहीं होने के कारण, राइसेम की लाइब्रेरी में कैरम टेबल लगाये गये, जिसके लिए राइसेम के डायरेक्टर जितेंद्र प्रसाद ने स्पेक्ट्रम वालों को जमकर लताड़ लगायी। ग्राउंड में खिलाडिय़ों के लिए चाय तक की व्यवस्था नहीं की गयी। कई बैंकों के खिलाड़ी पहले दिन से कॉफी की मांग करते रहे, लेकिन समापन तक आयोजकों ने कॉफी की व्यवस्था नहीं की।
भ्रमण कार्यक्रम ही शामिल नहीं किया
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के कारण, राजकीय शोक के कारण पहले, दूसरे एवं तीसरे दिन के समस्त सांस्कृतिक कार्यक्रम निरस्त कर दिये गये, लेकिन इसकी भरपाई के लिए अपेक्स बैंक के अफसरों और स्पेक्ट्रम के पदाधिकारियों ने कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की। प्रदेश की राजधानी में आयोजन होने के बावजूद, किसी ऐतिहासिक स्थल या धार्मिक स्थल का भ्रमण नहीं करवाया गया। यहां तक कि आयोजन बैंक के प्रधान कार्यालय में भी खिलाडिय़ों को नहीं ले गये जबकि दूसरे दिन आयोजित होने वाली मैराथन (इस बार साइक्लोथॉन) का समापन, हमेशा से आयोजक बैंक के प्रधान कार्यालय में होता है और वहीं पर नाश्ते की व्यवस्था होती है। अपेक्स बैंक और स्पेक्ट्रम वालों ने इस बाद मैराथन का नाम बदलकर साइक्लोथॉन किया और जवाहर सर्किल का एक चक्कर लगवाकर औपचारिकता पूर्ण ली, आखिर स्पोंसर को भी दिखावा करके दिखाना था।
मैडल देना ही भूल गये
समापन कार्यक्रम में अधिकारियों के हाथों खिलाडिय़ों को प्रशस्ती पत्र और प्रतीक चिन्ह तो दिलाये गये, लेकिन मैडल देना भूल गये। स्वर्ण पदक, रजत पदक और कांस्य पदक विजेताओं का नाम पुकारा गया, लेकिन सारे पदक एक कार्टून में बंद पड़े रहे। खिलाडिय़ों ने पदक की डिमांड की तो जवाब मिला कि कार्टून में पड़े हैं, निकाल लीजिये।
भोजन व्यवस्था से नाराज नजर आये खिलाड़ी
60 लाख रुपये के भारी-भरकम बजट वाले स्पेक्ट्रम स्पोट्र्स में भोजन की व्यवस्था से खिलाड़ी और अफसर, दोनों ही नाराज नजर आये। बीकानेर, श्रीगंगानगर, कोटा, भीलवाड़ा में जहां प्रत्येक समय के भोजन में 4 से 6 प्रकार के मिष्ठान, पनीर की सब्जियां, राजस्थानी भोजन, 24 घंटे चाय और कॉफी की व्यवस्था थी, वहां अपेक्स बैंक की ओर से खिलाडिय़ों के लिए नियमित रूप से आलू की सब्जी व पूडिय़ों के साथ, कभी जलेबी, कभी बेसन की चक्की, जो कभी गुलाब जामुन की व्यवस्था की गयी। पहले दिन, नाश्ते की व्यवस्था एसएमएस स्टेडियम में की गयी, शेष दिन नाश्ता, दोपहर एवं रात्रिकालीन भोजन की व्यवस्था राइसेम परिसर में की गयी। अलग-अलग स्थानों पर ठहराये गये बैंक कर्मचारियों, अधिकारियों को तीनों समय पेट की क्षुधा शांत करने के लिए, अपने-अपने साधनों से, राइसेम पहुंचना होता था। यहां बरसात के कारण, हजारों कीड़े-मकौड़ों की लाशों के ऊपर कुर्सियों पर बैठकर भोजन करते हुए, ऐसा प्रतीत होता था कि मानो, किसी बड़े आयोजन की बजाय, वे अपेक्स बैंक के प्रबंध निदेशक संजय पाठक के पिता की तीये की बैठक में आये हों। पाठक के पिता राधा रमण पाठक का आयोजन की पूर्व संध्या पर 26 दिसम्बर 2024 की रात्रि को निधन हो गया था। (दूसरी किश्त में पढिय़े – रजिस्ट्रार मंजू राजपाल को गुमराह कर 60 लाख रुपये का फण्ड जुटाया)

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