
सहकार भारत
जयपुर, 24 मार्च। सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम कुमार दक ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा अनेक ऐसी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है, जिनसे महिलाओं का सशक्तीकरण हो रहा है और वे आत्मनिर्भर बन रही हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएं देश की आधी आबादी हैं, उन्हें देश को विकसित राष्ट्र बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाने की आवश्यकता है। सहकारिता मंत्री सोमवार को राजस्थान सहकारी शिक्षा एवं प्रबंध संस्थान (राइसेम) में अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 के अंतर्गत आयोजित महिला सहकारी समितियों के सुदृढ़ीकरण हेतु एक दिवसीय कार्यशाला को सम्बोधित कर रहे थे।
मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भावना के अनुरूप देश में विगत एक दशक से महिलाओं को प्राथमिकता देकर योजनाओं का निर्माण किया जा रहा है। महिलाओं को धुएं से मुक्ति दिलाने के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, मातृ शक्ति के सम्मान के लिए हर घर शौचालय और लोकसभा तथा राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। श्री दक ने कहा कि अब हर योजना का लाभ सीधे लाभार्थियों तक पहुंच रहा है।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि भारत सरकार और राजस्थान सरकार सहकारिता क्षेत्र पर विशेष रुप से फोकस कर रही है। वर्ष 2021 में देश में सहकारिता मंत्रालय की स्थापना कर श्री अमित शाह को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई, जिनके नेतृत्व में सहकारिता के क्षेत्र में विभिन्न नवाचार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सहकार से समृद्धि अभियान के तहत देश में अभूतपूर्व कार्य हो रहे हैं और इसमें भी महिलाओं पर विशेष रूप से फोकस किया जा रहा है। सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप भारत वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बने और विश्वगुरू बनने की ओर अग्रसर हो, इसके लिए सभी को अपनी भागीदारी निभानी होगी।
श्री दक ने कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में महिलाओं को सशक्त बनाया जा रहा है। महिलाएं आत्मनिर्भर बनें और उन्हें छोटी-छोटी आवश्यकताओं के लिए किसी के सामने हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़े, इसके लिए उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अहम कदम उठाये जा रहे हैं। राज्य में महिला सहकारी समितियों का गठन किया जा रहा है। इनमें महिला सदस्यों की हिस्सा राशि भी राज्य सरकार वहन कर रही है। सहकारिता मंत्री ने कहा कि सहकारी समितियां अपने क्षेत्र के अनुकूल नये कार्य शुरु करें ताकि उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो। इस कार्य में विभाग के अधिकारी हर समय समितियों की सहायता के लिए तत्पर हैं।
राइसेम के निदेशक रणजीत सिंह चूण्डावत ने कार्यशाला में राइसेम द्वारा आयोजित की जा रही गतिविधियों की जानकारी देते हुए कहा कि राज्य में सहकारिता के क्षेत्र में अनेक अभूतपूर्व कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीमा भार में कमी, सहकारी समितियों में पारदर्शिता, भूमि विकास बैंकों के ऋणों हेतु एकमुश्त समझौता योजना एवं विश्व की सबसे बड़ी विकेन्द्रीकृत अन्न भण्डारण योजना के तहत हो रहे कार्य इस दिशा में महत्वपूर्ण हैं।
सहकारिता मंत्री ने कार्यक्रम में अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 के पोस्टर का विमोचन किया। साथ ही, राजस्थान सहकारी गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना के तहत जयपुर केन्द्रीय सहकारी बैंक द्वारा चयनित लाभार्थियों को योजना के कार्ड सौंपे। इससे पूर्व उन्होंने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यशाला का विधिवत शुभारम्भ किया।
कार्यशाला में अतिरिक्त रजिस्ट्रार (प्रथम) श्रीमती शिल्पी पांडे और अतिरिक्त रजिस्ट्रार (द्वितीय) संदीप खण्डेलवाल सहित सहकारिता विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं बड़ी संख्या में महिला सहकारी समितियों, सीएलएफ एवं राजीविका से जुड़ी महिलाएं मौजूद रहे।